FACTS ABOUT BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA REVEALED

Facts About baglamukhi shabar mantra Revealed

Facts About baglamukhi shabar mantra Revealed

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यदि आप माँ बगलामुखी साधना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लेख पढ़ें –

If an individual really wants to see a Baglamukhi Mantra wonder, they must also discover the process and the methods to chant the mantra in the right fashion together with the Baglamukhi mantra meaning.

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

> असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की ”

Oh Mata Baglamukhi, we pray that you choose to damage our sins, convey prosperity into our lives and fulfil our wants.

Bagalamukhi is known by baglamukhi shabar mantra the popular epithet Pitambara-Devi or Pitambari, “she who wears yellow clothing”. The iconography and worship rituals continuously check with the yellow shade.

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा

- दीपक की बाती को हल्दी या पीले रंग में लपेट कर सुखा लें।

भक्त और उसके पति या पत्नी तथा बच्चों के बीच संबंध बेहतर होते हैं।

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

It’s renowned that Bangalamukhi Mantra is believed to get miraculous powers and can help to be sure victory in excess of enemies. If anybody is struggling with any difficulties of their lifestyle thanks to certain folks or other forces can surely use this mantra for aid. Moreover, it’s also believed that recitation of the mantra ahead of any crucial party will let you face it much more efficiently and the outcome turns out to become a lot more good.

Bagalamukhi smashes the devotee's misconceptions and delusions (or even the devotee's enemies) along with her cudgel. Bagalamukhi has become the 10 varieties of the smart Devi, symbolizing a powerful feminine primeval pressure.

बगलामुखी में गायत्री मंत्र एक मजबूत और पवित्र मंत्र है। नतीजतन, इसके कई फायदे हैं। महाशक्ति की कृपा प्राप्त करना बगलामुखी गायत्री मंत्र के प्रमुख लाभों में से एक है। इसके अलावा, देवी बगलामुखी का गायत्री मंत्र महिलाओं के लिए बेहद मददगार है। वास्तव में, देवी बगलामुखी गर्भवती महिलाओं की रक्षा करती हैं और गायत्री मंत्र को पूर्ण समर्पण के साथ करने पर सहज प्रसव में भी मदद करती है। इसके साथ ही, देवी बगलामुखी श्रद्धालुओं को दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता प्रदान करती है और दुश्मनों तथा प्रतिस्पर्धियों को हराने का साहस भी देती है। वह अपने उपासकों को दुनिया की सभी दुष्ट शक्तियों से बचाती है। इस मंत्र का दिन में कम से कम तीन बार उच्चारण करना चाहिए।

तत्रं साधना गुरू मार्ग दर्शन में ही करें स्वतः गुरू ना बनें अन्यथा भयानक दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता ही है।

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